गुरुवार, 12 मार्च 2015

विद्यालय के बच्चे (कविता)

यही है ,विद्यालय के बच्चे
बच्चे हैं,विद्यालय के यही।


अभिष्कार,विज्ञान की नई।
रचना,रचयिता की नई।
कहानी ,लेखक की नई।
विद्यालय के बच्चे हैं यही।


नई घटा,हवा की।
नया सूर ,सरगम की।
नये तारे, सौर मंडल के।
यही है, विद्यालय के बच्चे।


नई किरण सुरज की।
नये रंग ईन्द्रधनुष के।
नई पंखुड़िया फुलो की।
नई उमंग सब लोगों की


यही है ,विद्यालय के बच्चे
बच्चे हैं,विद्यालय के यही। ~~~~~~~रमेश कुमार सिंह ♌

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