यही है ,विद्यालय के बच्चे
बच्चे हैं,विद्यालय के यही।
अभिष्कार,विज्ञान की नई।
रचना,रचयिता की नई।
कहानी ,लेखक की नई।
विद्यालय के बच्चे हैं यही।
नई घटा,हवा की।
नया सूर ,सरगम की।
नये तारे, सौर मंडल के।
यही है, विद्यालय के बच्चे।
नई किरण सुरज की।
नये रंग ईन्द्रधनुष के।
नई पंखुड़िया फुलो की।
नई उमंग सब लोगों की
यही है ,विद्यालय के बच्चे
बच्चे हैं,विद्यालय के यही। ~~~~~~~रमेश कुमार सिंह ♌
बच्चे हैं,विद्यालय के यही।
अभिष्कार,विज्ञान की नई।
रचना,रचयिता की नई।
कहानी ,लेखक की नई।
विद्यालय के बच्चे हैं यही।
नई घटा,हवा की।
नया सूर ,सरगम की।
नये तारे, सौर मंडल के।
यही है, विद्यालय के बच्चे।
नई किरण सुरज की।
नये रंग ईन्द्रधनुष के।
नई पंखुड़िया फुलो की।
नई उमंग सब लोगों की
यही है ,विद्यालय के बच्चे
बच्चे हैं,विद्यालय के यही। ~~~~~~~रमेश कुमार सिंह ♌
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें