सोमवार, 30 मार्च 2015

जीवन (कविता)


दु:ख,
मिलता है,अगर हम,
खुशियां इकट्ठा,
करने में लगे हैं।
सुख,
मिलता है अगर हम,
खुशियाँ,
बाटने में लगे हैं।
यह दु:ख-सुख,
है क्या?
दोनों भाई हैं,
ऐसे भाई हैं।
कभी साथ नहीं रहते।
आते हैं,
अपनी अपनी बारी की,
प्रतीक्षा कर,
करते हैं सफर,
जीवन को साधन बनाकर,
अपनी-अपनी,
मंजिल की तलाश में,
हमेशा,
लगे रहते हैं जीवन में।
-------------रमेश कुमार सिंह ♌

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